2 करोड़+ रेवेन्यू की Facebook Ads Case Study: कम खर्च, ज्यादा फायदा!
अगर आप Facebook Ads चलाते हैं या चलाने का सोच रहे हैं, तो ये केस स्टडी आपके लिए गेमचेंजर हो सकती है। एक इंस्टिट्यूट ने सिर्फ $100 (लगभग 8600 रुपये) खर्च करके 2 करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू जनरेट किया! आइए जानते हैं कैसे।
प्रोडक्ट: हाई-टिकट सर्टिफिकेशन कोर्स
इस केस स्टडी में जिस इंस्टिट्यूट की बात हो रही है, वो सेफ्टी इंजीनियर्स के लिए सर्टिफाइड कोर्स ऑफर करता है। इस कोर्स की कीमत ₹1 लाख से ज्यादा है। स्टूडेंट्स इसे ऑनलाइन करके सर्टिफिकेशन प्राप्त करते हैं।
टारगेटिंग: सिर्फ 4-5 कंट्रीज, सिंपल सेटअप
क्योंकि ये कोर्स इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन है, इसलिए 4 से 5 देशों को टारगेट किया गया। केवल एक ऐड अकाउंट से, USD करंसी में सभी ऐड्स चलाए गए। कोई कॉम्प्लेक्स टारगेटिंग नहीं की गई, बस सिंपल और रिलेवेंट ऑडियंस सेगमेंट्स चुने गए।
Campaign Structure: मिनिमल और इफेक्टिव
– सिर्फ 2-3 कैंपेन रन हुए। – इंस्टेंट फॉर्म के जरिए लीड जनरेशन। – डिटेल्ड फॉर्म्स: लीड्स को क्वालिफाई करने के लिए जरूरी सवाल पूछे गए। – Advantage+ Audience का इस्तेमाल किया गया। – कुछ ऐड्स में कराउसेल, कुछ में वीडियो क्रिएटिव्स का इस्तेमाल।
फॉलोअप और लीड मैनेजमेंट की ताकत
लीड्स तो आईं, लेकिन असली खेल शुरू होता है फॉलोअप से। – हर लीड को सेल्स एजेंट्स को असाइन किया गया। – डेली लीड्स की ट्रैकिंग और स्टेटस अपडेट किया गया। – CRM सिस्टम में हर लीड की डिटेल और प्रोग्रेस मेंटेन की गई।
क्योंकि कोर्स की कीमत ज्यादा थी, इसलिए कन्वर्जन टाइम भी लंबा था। लीड्स को कन्वर्ट करने में 4-5 महीने लगे। पेशेंस और स्ट्रेटजी से ही रिजल्ट आया।
नतीजे: 2 करोड़+ रेवेन्यू सिर्फ 5 महीनों में
– 2000+ लीड्स एक कैंपेन से और 1000+ लीड्स दूसरे कैंपेन से आईं। – इन दोनों कैंपेन्स से मेजोरिटी रेवेन्यू जनरेट हुआ। – टोटल रेवेन्यू: 2 करोड़ से ज्यादा। – टोटल एड स्पेंड: सिर्फ $100 (8600 INR)।
लर्निंग: कम प्रयोग, ज्यादा फोकस और पेशेंस
– बार-बार एड्स में बदलाव करने की जरूरत नहीं होती। – पेशेंस रखो, हर लीड तुरंत कन्वर्ट नहीं होती। – सेल्स टीम का सही फॉलोअप जरूरी है। – सिंपल स्ट्रक्चर और क्लियर टारगेटिंग बेस्ट काम करती है।
Bonus टिप्स:
1. CRM या Google Sheets का इस्तेमाल करो ताकि लीड्स का स्टेटस ट्रैक हो सके। 2. UTM पैरामीटर्स ऐड करो ताकि समझ आ सके किस ऐड से लीड आई। 3. लीड्स का डेटा हर दिन ट्रैक करो: कितनी लीड्स, किस एजेंट को, कितना क्लोजर।
निष्कर्ष: Facebook Ads में रॉकेट साइंस नहीं, सिर्फ स्ट्रेटजी और पेशेंस चाहिए
अगर आप भी Facebook Ads में बार-बार एक्सपेरिमेंट करते हैं और रिजल्ट्स नहीं आते, तो इस केस स्टडी से सीखिए: – सिंपल रहो। – पेशेंस रखो। – सही लीड मैनेजमेंट करो। – सही ऑफर दो।
और फिर देखो कैसे आपकी एड्स भी करोड़ों का बिजनेस ला सकती हैं!
अगला कदम?
अगर आपको ये ब्लॉग पसंद आया और आप भी Facebook Ads से बड़ा रेवेन्यू कमाना चाहते हैं, तो अगली बार अपनी स्ट्रेटजी सिंपल और फोकस्ड रखो। मिलते हैं अगली ब्लॉग में, तब तक के लिए – मार्केटिंग चालू रखो!
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Hetide